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Colorful Monsoon 2025 Illustration Featuring India Map, Rain, Umbrella, and Tropical Leaves

2025 का मानसून पूरे भारत में पहुंचा | Monsoon 2025 Fully Covers India

🗓️ दिनांक: 29 जून 2025 | मौसम समीक्षा रिपोर्ट | IMD Official Insight

1. परिचय | Introduction

भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में मानसून एक जीवनरेखा की तरह कार्य करता है। हर साल करोड़ों किसान इस मौसम का इंतज़ार करते हैं, क्योंकि खरीफ की फसलों की बुआई इसी पर निर्भर करती है।
2025 में मानसून ने सामान्य समय से 2 दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है, जिससे यह मौसम अब ऑफिशियली “All India Covered” घोषित हो चुका है।
2. भारत में मानसून की प्रगति: चरण दर चरण | Monsoon Progress in India: Phase-wise

India Map with 2025 Monsoon Coverage and Rain Clouds over Lush Green Farmland

📅 1 जून – केरल तट पर प्रवेश

मानसून ने 1 जून को सामान्य तिथि के अनुसार केरल में प्रवेश किया। इस साल Arabian Sea और Bay of Bengal दोनों में मानसूनी हवाएं सामान्य से अधिक मजबूत रहीं।

🧭 दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत: 5-10 जून

  • तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अच्छी बारिश
  • असम, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम आदि में भारी वर्षा दर्ज की गई

🌾 मध्य और पश्चिम भारत: 15-20 जून

  • महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान में सक्रिय मानसून
  • सोयाबीन और कपास की बुआई में तेजी

🌧️ उत्तर भारत: 25 जून तक पूरी कवरेज

  • दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसून की पूर्ण पहुंच

IMD ने 29 जून को घोषित किया कि 2025 का दक्षिण-पश्चिम मानसून अब पूरे देश में फैल चुका है।

3. मौसम विज्ञान की दृष्टि से: क्यों खास है 2025 का मानसून?

🌀 समुद्र की सतह का तापमान (SST)

  • Arabian Sea SST ~30°C और Bay of Bengal SST ~31°C तक पहुंच गया, जो मानसून के लिए आदर्श है।

🌊 La Niña का प्रभाव:

  • इस वर्ष La Niña की स्थितियां विकसित हो रही हैं, जो भारत में सामान्य से अधिक वर्षा का संकेत देती हैं।

🌀 मिड-ट्रूपोस्फेरिक सर्कुलेशन:

  • इस बार हवा की ऊंचाई पर दबाव प्रणाली पहले से अधिक सक्रिय रही, जिससे नमी तेजी से पूरे भारत में फैली।

. खेती पर प्रभाव: खरीफ सीजन की तैयारी

फसलप्रभावसुझाव
धान (Paddy)80% राज्य तैयारसिंचाई से पहले खेत समतल करें
सोयाबीनबुआई शुरूउन्नत बीजों का उपयोग करें
मक्काबारिश पर्याप्तजलभराव से बचाएं
बाजराराजस्थान व MP में शुरूहल्की भूमि में बुआई उपयुक्त

👉 किसान सलाह:

“अभी से बुआई में देरी न करें, क्योंकि प्रारंभिक मानसून में नमी पर्याप्त मात्रा में होती है जो अंकुरण के लिए अनुकूल रहती है।”

5. शहरी भारत और मानसून: क्या हैं चुनौतियाँ?

⛔ मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों में:

  • जलभराव की आशंका
  • सीवर सिस्टम पर दबाव
  • ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती

🏔️ पहाड़ी इलाकों में:

  • भूस्खलन की संभावनाएं
  • हिमाचल और उत्तराखंड में विशेष सतर्कता
  • पर्यटकों को यात्रा से पहले मौसम अलर्ट की जांच की सलाह

6. मौसम पूर्वानुमान: जुलाई और अगस्त के लिए Outlook

क्षेत्रजुलाई में अनुमानअगस्त में अनुमान
उत्तर भारतसामान्य से अधिक वर्षासामान्य
मध्य भारतसामान्यसामान्य से अधिक
पूर्वोत्तरसामान्य से अधिकसामान्य
दक्षिण भारतसामान्यसामान्य से कम

IMD का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष देश भर में कुल वर्षा 102% के आसपास रहेगी, जो “Normal to Above Normal” श्रेणी में आती है।

निष्कर्ष | Final Thoughts

मानसून का समय पर और व्यापक रूप से फैलना भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
यह न केवल फसलों के उत्पादन में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जलाशयों की भरपाई और बिजली उत्पादन के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।

आगामी सप्ताहों में यदि यह स्थिर बना रहा, तो भारत को एक बेहतरीन खरीफ सीजन देखने को मिल सकता है।

✍️ लेखक: Ritu Verma

प्रकाशित तिथि: 29 जून 2025

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